किसी भोलू को जब चाहा यहाँ गामा बना डाला
किसी पतलून को जब खींचा पाजामा बना डाला
जो शाएद मेट्रिक कर के समंदर पार आए थे
उन्हें यारों ने अमरीका में अल्लामा बना डाला
Dilawar Fegaar
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मुझे लगता है दिल खिंच कर चला आता है हाथों में
तुझे लिख्खुं तो मेरी उंगलियाँ ऐसे धड़कती हैं
Bashir Badr
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मुक़द्दर का सिकंदर हो गया हूँ
मैं क़तरा था समंदर हो गया हूँ
भटकने का कोई खदशा नहीं है
मैं खुद अपना ही रहबर हो गया हूँ
अना ने खींच ली है मेरी वुसअत
बहुत छोटा सिमट कर हो गया हूँ
Dr. Faruq Shakeel (Hyderabad)
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