तू कहाँ था ज़िन्दगी के रोजोशब आँखों में थे
आज याद आया के आंसू बेसबब आँखों में थे
Ahmad Faraz
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इस गैरते नाहीद की हर तान है दीपक
शोला सा लपक जाए है आवाज़ तो देखो
Momin Khan Momin
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दस्तो पा शल हैं किनारे से लगा बैठा हूँ
लेकिन इस शूरिशे तूफ़ान से हारा तो नहीं
Waamiq Jaunpuri
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