Thursday, February 10, 2011

आँखों में थे

तू कहाँ था ज़िन्दगी के रोजोशब आँखों में थे
आज याद आया के आंसू बेसबब आँखों में थे 
Ahmad Faraz
_________________________________
इस गैरते नाहीद की हर तान है दीपक
शोला सा लपक जाए है आवाज़ तो देखो
Momin Khan Momin
_________________________________
दस्तो पा शल हैं किनारे से लगा बैठा हूँ
लेकिन इस शूरिशे तूफ़ान से हारा तो नहीं
Waamiq Jaunpuri 

No comments: