ज़ालिम था वो और ज़ुल्म की आदत भी बहुत थी
मजबूर थे हम उस से मुहब्बत भी बहुत थी
मजबूर थे हम उस से मुहब्बत भी बहुत थी
उस बुत के सितम सह के दिखा ही दिया हम ने
गो अपनी तबिय्यत में बग़ावत भी बहुत थी
गो अपनी तबिय्यत में बग़ावत भी बहुत थी
वाकिफ़ ही न था रमज़े मुहब्बत से वो वरना
दिल के लिए थोड़ी सी इनायत भी बहुत थी
दिल के लिए थोड़ी सी इनायत भी बहुत थी
यूं ही नहीं मश्हूरे ज़माना मेरा क़ातिल
उस शख्स को इस फन में महारत भी बहुत थी
उस शख्स को इस फन में महारत भी बहुत थी
क्या दौरे ग़ज़ल था के लहू दिल में बहुत था
और दिल को लहू करने की फुर्सत भी बहुत थी
और दिल को लहू करने की फुर्सत भी बहुत थी
हर शाम सुनाते थे हसीनों को ग़ज़ल हम
जब माल बहुत था तो सखावत भी बहुत थी
जब माल बहुत था तो सखावत भी बहुत थी
बुलावा के हम 'आजिज़ ' को पशेमाँ भी बहुत हैं
क्या कीजिए कमबख्त की शोहरत भी बहुत थी
क्या कीजिए कमबख्त की शोहरत भी बहुत थी
Kaleem Aajiz