Urdu Kavita
Friday, March 18, 2011
वह तो सूरज है जहाँ जाएगा, दिन निकलेगा
वह तो सूरज है जहाँ जाएगा, दिन निकलेगा
रात देखी हो तो समझे के अँधेरा क्या है
Ismat Parvez
शिकवए ज़ुल्मते शब् से तो कहीं बेहतर था
अपने हिस्से की कोई शमआ जलाते जाते
Ahmad Faraaz
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